Please wait...

Publish Book and Book Chapter

Cover All Subjects


Langik Samvedansheelta Ki Samajh Vikshit Karne Ke Liye Prashikshan Pustika

Langik Samvedansheelta Ki Samajh Vikshit Karne Ke Liye Prashikshan Pustika


₹ 255.00


Author(s):Dr. Nigam Rani, Dr. Kiran Singh, Dr. Neelam Rose and Dr. Krishna Duhan
ISBN:978-93-5834-363-2
Language:English
Pages:29
Publication Year:2023
Binding:Paper Back
Amazon:Amazon

Description

लैंगिक संवेदनशीलता एक महत्वपूर्ण और व्यापक विषय है जो सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक मानदंडों के संदर्भ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह मनुष्यों के अस्तित्व के मूल्यों, अधिकारों और मुक्तियों को सुनिश्चित करने का एक माध्यम है। लैंगिक संवेदनशीलता एक ऐसी भावना है जिसमें व्यक्ति अपनी और दूसरों की लैंगिक पहचान, भौतिक सुख, भावनाएं, और भाव ग्रहण करने की क्षमता को समझता है। यह लैंगिक मानदंडों, रोल्स, और स्थितियों की संज्ञाना को सशक्त करती है और न्याय, समानता, और सामाजिक न्याय की ओर ध्यान केंद्रित करती है। लैंगिक संवेदनशीलता समाज के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह समाजिक उद्धारणों, अदालती प्रक्रियाओं, नियमों, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, और निर्णयों पर प्रभाव डालती है। लैंगिक संवेदनशीलता की अभाव में, व्यक्ति के मौजूदा समाजिक संबंध, अधिकार, और सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, इसे समझना और संरक्षण करना महत्वपूर्ण है ताकि सामाजिक संघर्षों को हल किया जा सके और समानता की प्राप्ति हो सके। लिंग मानदंडों में बदलाव लाने के लिए लिंग जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लड़कों और लड़कियों को बचपन से ही संवेदनशील बनाया जाना चाहिए। बच्चों के कल्याण एवं विकास के लिए बनाई गई योजनाएं आमतौर पर बचपन के प्रारम्भिक दिनों— से 15 वर्ष की उम्र पर केंद्रित होती हैं। यह आयु वर्ग मौजूदा पितृसत्तात्मक संरचनाओं के बारे में बच्चों में जागरूकता फैलाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। लिंग से जुड़े मानदंड बहुत ही कम उम्र में बनने शुरू हो जाते हैं। यदि हम इसे बदलना चाहते हैं तो हमें कम उम्र से ही उसकी शुरुआत करने की ज़रूरत है और साथ ही हमें संस्थाओं के माध्यम से इस काम को करना चाहिए ताकि बड़े स्तर पर बदलाव को देखा जा सके। लैंगिक सवेंदनशीलता के इस महत्व को ध्यान में रखते हुए हमने इस अभ्यास पुस्तिका को विकसित किया है। इस अभ्यास पुस्तिका का प्रयोग विभिन्न परियोजनाओं में लैंगिक सवेंदनशीलता की समझ को विकसित करने क लिए किया जा सकता है।