Author(s) | : | डॉ. सुषमा कुमारी सिंह |
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ISBN | : | 978-93-5834-517-9 |
Language | : | Hindi |
Pages | : | 164 |
Publication Year | : | 2025 |
Binding | : | Paper Back |
DOI | : | https://doi.org/10.62778/int.book.522 |
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डॉ. सुषमा कुमारी सिंह द्वारा लिखित "मुग़ल साम्राज्य: उदय, स्थापना और कला का वैभव" भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक को विस्तार से प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक मुग़ल साम्राज्य के उदय, प्रशासनिक संरचना, सांस्कृतिक उपलब्धियों और पतन की प्रक्रिया को गहराई से विश्लेषण करती है।
पुस्तक का आरंभ बाबर की विजय और पानीपत की पहली लड़ाई (1526) से होता है, जहाँ उन्होंने इब्राहिम लोदी को पराजित कर मुग़ल शासन की नींव रखी। इसके बाद हुमायूं के संघर्षों, निर्वासन और पुनर्वापसी को दर्शाया गया है। शेरशाह सूरी के प्रशासनिक सुधारों को पुस्तक में विशेष रूप से महत्व दिया गया है, क्योंकि उन्होंने मुग़ल प्रशासन को प्रभावित किया। अकबर के शासन को स्वर्ण युग माना गया, जिसमें प्रशासनिक सुधार, धार्मिक सहिष्णुता और कलात्मक विकास हुआ। पुस्तक ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, मुग़ल चित्रकला और संगीत जैसी सांस्कृतिक धरोहरों पर भी प्रकाश डालती है। जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब के शासनकालों को उनके राजनीतिक और सामाजिक प्रभावों के संदर्भ में विस्तृत किया गया है। अंततः 18वीं शताब्दी में मुग़ल साम्राज्य के पतन, मराठा शक्ति के उदय और ब्रिटिश प्रभाव के बढ़ते वर्चस्व को समझाने का प्रयास करती है। ऐतिहासिक तथ्यों और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य को संतुलित रूप में प्रस्तुत करने के कारण यह शोधकर्ताओं और इतिहास प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।